इस किसान ने मिट्टी में उगाए कमल के फूल, चारों तरफ फैल रही है ख्याति

भारतीय किसान खेती में नए नए प्रयास करते रहते हैं। इन प्रयासों के माध्यम से किसान फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के साथ ही अपनी आय को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। ऐसी ही एक कोशिश कर रहे हैं, जम्मू और कश्मीर के किसान भाई अबदुल अहद वानी। जो राज्य में 'किसान चाचा' के नाम से मशहूर हैं। 'किसान चाचा' इन दिनों खेती को लेकर नया प्रयोग कर रहे हैं। जिसमें वो मिट्टी में 'कमल ककड़ी' की खेती कर रहे हैं, यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पानी के बिना सिर्फ मिट्टी में कमल ककड़ी की खेती करना आसान नहीं है। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=JeQ8zGkrOCI&t=243s[/embed] जम्मू और कश्मीर में कमल ककड़ी को नादरू के नाम से जाना जाता है। अगर कमल ककड़ी की बात करें तो जम्मू और कश्मीर में कई स्थान हैं, जहां कमल ककड़ी की खेती बहुतायत में होती है। इनमें डल झील, वुलर झील और अंचर झील प्रसिद्ध है। इन झीलों में किसान भाई हर साल भारी मात्रा में कमल ककड़ी उत्पादित करते हैं। लेकिन अब अबदुल अहद वानी के प्रयासों से कमल ककड़ी को मिट्टी में भी उगाना संभव हो पाया है। अबदुल अहद वानी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने जिज्ञासावस इस फसल की खेती करना शुरू की थी। उन्होंने प्रारम्भिक तौर पर कमल ककड़ी के बीज मिट्टी में रोप दिए थे। जिसके बाद स्वतः ही इसके पौधे निकाल आए और फसल तैयार हो गई। उन्होंने बताया कि बीजों की रोपाई जून में की थी और अब दिसम्बर में फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।


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अबदुल अहद वानी ने बताया कि उन्होंने मात्र एक कनाल खेत में कमल ककड़ी की रोपाई की थी। जिसके बाद उन्हें लगभग 400 किलोग्राम फसल प्राप्त हो चुकी है। भविष्य में उत्पादन बढ़ सकता है, साथ ही उन्होंने बताया कि इस फसल में सिंचाई बेहद आवश्यक है। जिसके लिए उन्होंने खुद ही नलकूप तैयार किए हैं। जिनसे वो कमल के पौधों को पानी देते हैं। तैयार हुई फसल को अबदुल अहद वानी खुद ही बाजार में बेचने जाते हैं। अबदुल अहद वानी की इस उपलब्धि से उनका नाम चारों ओर फैल रहा है। जिसके बाद लोग उनकी फसल की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और कमल ककड़ी की खेती को देखने आ रहे हैं। लोगों का कहना है, कि 'किसान चचा' का यह प्रयास लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है। देश के लोग 'किसान चचा' से प्रेरित होकर कमल ककड़ी की खेती मिट्टी में करना शुरू कर सकते हैं। लोग 'किसान चचा' के इस प्रयास की दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं।